PRODUCT DETAILS
पीयूष मिश्रा जब मंच पर होते हैं तो वहाँ उनके अलावा सिर्फ़ उनका आवेग दिखता है। जिन लोगों ने उन्हें मंडी हाउस में एकल करते देखा है, वे ऊर्जा के उस वलय को आज भी उसी तरह गतिमान देख पाते होंगे। अपने गीत, अपने संगीत, अपनी देह और अपनी कला में आकंठ एकमेक एक सम्पूर्ण अभिनेता! अब वे फिल्में कर रहे हैं, गीत लिख रहे हैं, संगीत रच रहे हैं; और यह उनकी आत्मकथा है जिसे उन्होंने उपन्यास की तर्ज पर लिखा है। और लिखा नहीं; जैसे शब्दों को चित्रों के रूप में आँका है। इसमें सब कुछ उतना ही ‘परफ़ेक्ट’ है जितने बतौर अभिनेता वे स्वयं। न अतिरिक्त कोई शब्द, न कोई ऐसा वाक्य जो उस दृश्य को और सजीव न करता हो। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक ‘अनयूजुअल’—से परिवार में जन्मा एक बच्चा चरण-दर-चरण अपने भीतर छिपी असाधारणता का अन्वेषण करता है; और क़स्बाई मध्यवर्गीयता की कुंठित और करुण बाधाओं को पार करते हुए धीरे-धीरे अपने भीतर के कलाकार के सामने आ खड़ा होता है। अपने आत्म के सम्मुख जिससे उसे ताज़िन्दगी जूझना है; अपने उन डरों के समक्ष जिनसे डरना उतना ज़रूरी नहीं, जितना उन्हें समझना है। इस आत्मकथात्मक उपन्यास का नायक हैमलेट, यानी संताप त्रिवेदी यानी पीयूष मिश्रा यह काम अपनी ख़ुद की कीमत पर करता है। यह आत्मकथा जितनी बाहर की कहानी बताती है—ग्वालियर, दिल्ली, एनएसडी, मुम्बई, साथी कलाकारों आदि की—उससे ज़्यादा भीतर की कहानी बताती है, जिसे ऐसी गोचर दृश्यावली में पिरोया गया जो कभी-कभी ही हो पाता है। इसमें हम दिल्ली के थिएटर जगत, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय और मुम्बई की फ़िल्मी दुनिया के कई सुखद-दुखद पहलुओं को देखते हैं; एक अभिनेता के निर्माण की आन्तरिक यात्रा को भी। और एक संवेदनशील रचनात्मक मानस के भटकावों-विचलनों-आशंकाओं को भी। लेकिन सबसे बड़ी उपलब्धि इस किताब की इसका गद्य है। पीयूष मिश्रा की कहन यहाँ अपने उरूज़ पर है। पठनीयता के लगातार संकरे होते हिन्दी परिसर में यह गद्य खिली धूप-सा महसूस होता है।
Unveil the Man Behind the Artist: Piyush Mishra's Raw and Honest Autobiography - Tumhari Auqat Kya Hai
Go beyond the captivating screen presence and soulful music of Piyush Mishra. Dive into his captivating life story with Tumhari Auqat Kya Hai (Hindi for "What's Your Place?"), a unique autobiography that reads like a captivating novel.
This isn't your typical celebrity memoir. Mishra eschews embellishment, instead offering a vivid and introspective account of his journey. Prepare to be transported into the world of a passionate artist, his struggles, and his triumphs.
Here's what awaits you in Tumhari Auqat Kya Hai:
From Gwalior to the National Stage: Witness Mishra's unconventional upbringing in Gwalior, Madhya Pradesh, and his relentless pursuit of artistic expression. Explore his struggles against societal expectations and the obstacles he overcame to embrace his artistic calling.
A Deep Dive into the Actor's Psyche: The book delves into the complexities of Mishra's inner world. He confronts his fears and anxieties head-on, offering valuable insights for aspiring artists and anyone grappling with self-doubt.
A Glimpse into the Creative Process: Tumhari Auqat Kya Hai is more than just a memoir; it's a masterclass in artistic growth. Travel alongside Mishra as he hones his craft at the prestigious National School of Drama and navigates the dynamic world of theatre and film.
A Celebration of Artistic Camaraderie: The book pays homage to the artistic circles that shaped Mishra's journey. Meet fellow artists, witness the vibrant Delhi theatre scene, and get a glimpse into the heart of Mumbai's film industry.
But the true gem of this autobiography lies in Mishra's writing itself. His prose is described as "sunshine" in the often-dense landscape of Hindi literature, offering a refreshingly candid and engaging voice.
Tumhari Auqat Kya Hai is a must-read for fans of Piyush Mishra, anyone seeking inspiration on their own creative path, or those interested in a glimpse into the unfiltered world of Indian theatre and cinema.
Get your copy today and embark on a captivating journey of self-discovery alongside a true artistic force!