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**"धर्म, सत्ता और हिंसा"** अनिंदिता द्वारा एक आकर्षक हार्डकवर पुस्तक है जो समकालीन समाज में धर्म, सत्ता और हिंसा के जटिल संबंधों की जांच करती है। यह पुस्तक यह विश्लेषण करती है कि कैसे धार्मिक विचारधाराएँ और राजनीतिक शक्ति की गतिशीलता सामाजिक संघर्षों और हिंसा की घटनाओं में योगदान करती हैं।
अनिंदिता, जो अपनी तीव्र लेखनी और आलोचनात्मक दृष्टिकोण के लिए प्रसिद्ध हैं, ऐतिहासिक और आधुनिक संदर्भों में जाकर इन मुद्दों की जड़ों और परिणामों को उजागर करती हैं। विस्तृत केस स्टडीज़, ऐतिहासिक घटनाओं और सामाजिक-राजनीतिक टिप्पणी के माध्यम से, लेखक यह समझने की कोशिश करती हैं कि कैसे धार्मिक मान्यताओं का अक्सर राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग किया जाता है, जिससे व्यापक हिंसा और सामाजिक विभाजन उत्पन्न होता है।
यह हार्डकवर संस्करण उन लोगों के लिए एक विचारणीय पढ़ाई है जो धर्म, सत्ता और आक्रमण की जटिलताओं को समझना चाहते हैं। यह पुस्तक उन छात्रों, शोधकर्ताओं और उन सभी के लिए महत्वपूर्ण है जो आधुनिक समाज पर इन बलों के प्रभाव के प्रति चिंतित हैं।
**"Dharm, Satta Aur Hinsa"** by Anindita is a compelling hardcover exploration into the complex interplay between religion, power, and violence in contemporary society. The book provides a thorough analysis of how religious ideologies and political power dynamics contribute to social conflicts and acts of violence.
Anindita, known for her incisive writing and critical perspective, delves into historical and modern contexts to uncover the roots and repercussions of these issues. Through detailed case studies, historical events, and sociopolitical commentary, the author examines how religious beliefs are often manipulated to serve political ends, leading to widespread violence and societal division.
This hardcover edition is a thought-provoking read for anyone interested in understanding the intersections of faith, authority, and aggression. It offers readers a deep dive into the mechanisms by which power structures exploit religious sentiments, making it an essential read for students, scholars, and anyone concerned with the impact of these forces on modern society.